Vaat Rog Ko Khatam Karne Ki Patanjali Dawa: वात रोग को जड से खत्म करने की सबसे असरदार पतंजलि दवा: 100% वात दोष दूर होगा

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वात रोग Ko खत्म Karne की आयुर्वेदिक Patanjali दवा 

Vaat Rog Ko Khatam Karne Ki Patanjali Dawa
Vaat Rog Ko Khatam Karne Ki Patanjali Dawa

 

आज हम बात कर रहे हैं Vaat Rog Ko Khatam Karne Ki Patanjali Dawa के बारे में। बात लघु, रुक्ष और शीत गुणो से विकृत अवस्था में आता हैं। वात के असुंलीत होने पर ही शरीर में कई बिमारिया जन्म ले लेती हैं। इस दोष के कारण घुटनो में दर्द, हड्डीयो और शरीर में तेज दर्द और शरीर कमजोर होने जैसी समस्याये होती हैं। इस लिए आज हमने आपके लिए वात रोग को खतम करने की पतंजलि दवा लेख लिखा हैं जिसकी मदद से आप वात रोग से छुटकारा पा सकते हैं।
 

वात कितने प्रकार के होते हैं?

शरीर में इनके निवास स्थानों और अलग कामों के आधार पर वात को पांच भांगों में बांटा गया है जैसे की निम्म हैं:-
  • प्राण
  • उदान
  • समान
  • व्यान
  • अपान
 
आयुर्वेद के अनुसार सिर्फ वात के प्रकोप से होने वाले रोगों की संख्या ही 80 के करीब है।
 

वात दोष क्या है और इसके लक्षण: Vata Dosha Symptoms in Hindi

वात दोष वायू और आकाश दो प्रमुख तत्वों से मिलकर बना हैं। वात दोष सबसे महत्व पूर्ण माना गया हैं। शरीर के अंदर होने वाली अधिकाश क्रियाओ में वात की ही भूमिका होती हैं। वात दोष के लक्षण निम्मंलिखित हैं:-
 
  • शरीर में अत्यधिक रूखापन होना
  • शरीर का दुबला होना या कमजोरी होना
  • नींद की कमी आना 
  • धीमी और भारी आवाज हो जाना
  • शरीर के अलग अलग हिस्सो में अस्थिरता का भाव अचानक क्रोधित हो जाना, डर जाना, चिडचिडापण बातो को समझ कर भूल जाना।
 

वात बढ़ जाने के लक्षण क्या हैं?

वात बढ जाने पर शरीर में तमाम तरह के लक्षण नजर आते हैं, आइये उनमे से कुछ प्रमुख लक्षणो पर एक नजर डालते हैं।
 
  • अंगों में रूखापन और जकड़न का होना
  • सुई के चुभने जैसा दर्द महसूस होना
  • हड्डियों के जोड़ों में ढीलापन आना
  • हड्डियों का खिसकना और टूटना
  • अंगों में कमजोरी महसूस होना और अंगों में कंपकपी आना
  • अंगों का ठंडा और सुन्न हो जाना
  • कब्ज़ की समस्या होना
  • नाख़ून, दांतों और त्वचा का फीका पड़ना
  • मुंह का स्वाद कडवा हो जाना
 
अगर अपने उपर बतायें गये लक्षणो में से 2 से 3 या उससे ज्यादा लक्षण नजर आते हैं तो यह दर्षाता हैं की आपके शरीर में वात दोष बढ गया हैं और ऐसे में नजदिकी चिकित्सक के पास जाये और अपना इलाज करवाये।
 

80 प्रकार के वात रोग कौन से हैं?

आयुर्वेद में वात तीन मुख्य दोशो में से एक हैं जो शरीर के संतुलन को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। वात, वायू और आकाश तत्वों से जुडा हैं और गती, शुष्कता और थंडक जैसे गुणो को दर्षाता हैं। जब वात दोष असंतुलित हो जाता हैं तो यह विभिन्न प्रकार के रोगो का कारण बन सकता हैं, जिन्हें “वात रोग” कहा जाता हैं।
 
चरक संहिता, एक प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथ, में 80 प्रकार के वात रोगो का उल्लेख किया गया हैं। इनमे से कुछ प्रमुख रोगो में निम्नलिखित शामिल हैं:-
 
  • वातव्याधि: जोड़ों का दर्द, गठिया
  • गृध्रसी: गठिया, गाउट
  • वातारक्त: मोतियाबिंद
  • शूल: पेट दर्द, अपच
  • ग्रहणी: आंतों की सूजन
  • वातस्नेह: स्नायविक विकार, पक्षाघात
  • वातापहर्ष: पक्षाघात
  • अधःवात: पक्षाघात
  • वातशूल: पेट दर्द
  • वातस्कंध: कंधे का दर्द
  • वातज्वर: बुखार
  • वातप्रमेह: मधुमेह
  • वातशोष: श्वसन संबंधी विकार
  • वातपित्त: त्वचा रोग, एक्जिमा
  • वातकफ: एलर्जी, अस्थमा
 
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण हैं की यह 80 प्रकार के वात रोगो की पुरी लिस्ट नहीं हैं। वात दोष के असंतुलन से कई अन्य रोग भी हो सकते हैं। यदी आपको कोई भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जो आपको लगता हैं की वात रोग से संबंधित हो सकते हैं तो योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्ष करना जरुरी हैं।
 

1. वात रोगों के कारण:

वात रोगों के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
 

2. अस्वस्थ आहार:

ठंडा, शुष्क aur कडवा भोजन, अनियमित भोजन समय, और अधिक मात्रा में भोजन करना वात दोष को बढा सकता हैं।
 

3. असंतुलित जीवनशैली:

अनियमित निंद, अत्याधिक व्यायाम, और तणाव भी वात दोष को असंतुलित कार सकते हैं।
 

4. वायुमंडलीय कारक: 

थंडी, शुष्क और हवादार जलवायू वात दोष को बढा सकती हैं।
 

5. अन्य बीमारियां: 

कुछ अन्य बिमारिया जैसे की गठीया और मधुमेह वात दोष को बढा सकती हैं।
 

वात रोग को जड से खतम करने की पतंजलि दवा

 

1. दिव्य गोक्षुरादि गुग्गुलु

अगर वैरीकोसेल में दर्द या डिस्कफर्ट जैसी स्थिती होती हैं तो यह Vaat Rog Ko Khatam Karne Ki Patanjali Dawa राहत दिलाने में मदद करती हैं। इसे ड्युरेटीक और एंटीबैक्टीरियल गुणो के साथ जडी बुटीयो के कॉम्बिनेशन से बनाया गया हैं। यह दवा बैक्टीरिया को शरीर से बाहर निकालकर समस्या की जड को ठीक करने और डिस्कफर्ट से राहत दिलाने में मदद करती हैं।
 

दिव्य गोक्षुरादि गुग्गुलु की सामग्री:-

नागरमोथा, सोंठ, काली मिर्च, हरड़, बहेड़ा, आंवला, शुद्ध गुग्गुल और गोखरू इस औषधी की मुख्य सामग्री हैं। 
 
 

2. दिव्य वृद्धिवाधिका वटी

आयुर्वेद के अनुसार यह वात रोग को खतम करने की पतंजलि दवा वात दोष पर शानदार तरिके से काम करती हैं। यह अतिरिक्त कफ को भी कम करने में मददगार हैं। वात दोष में वृद्धी वैरीकोसेल के विकास में अहम भूमिका निभाती हैं। इस तरह से यह दवा इस रोग को कम करने में अपनी भूमिका निभाती हैं। 
 

दिव्य वृद्धिवाधिका वटी की सामग्री:-

शुद्ध पारा के साथ शुद्ध गंधक, कई तरह की भस्म, सोंठ, काली मिर्च, पिप्पल, हरड़, बहेड़ा और आंवला जैसी जड़ी-बूटियों का सम्मिश्रण उपस्थित है। यह वात दोष को खत्म करने के लिए कारगर साबित होती हैं।
 

3. दिव्य त्रिफला गुग्गुल 

वैरीकोसेल होने का एक कारण वात की समस्या होना भी हैं। दिव्य त्रिफला गुग्गुल का इस्तेमाल हर तरह की वात संबंधित बिमारीयो को दूर करने के लिए किया जाता हैं। यह अग्नी की गतिविधी में वृद्धी, गर्भाशय को उत्तेजित, खून में व्हाईट ब्लड सेल्स की वृद्धी, ड्युरेटीक, म्यूसलीज सक्रिशन यानी श्लेष्मा स्त्रावी और किटाणूनाशक भी हैं। यह एक सुरक्षित Vaat Rog Ko Khatam Karne Ki Patanjali Dawa हैं और अमुमन इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता हैं।
 

दिव्य त्रिफला गुग्गुल की सामग्री:-

इस दिव्य त्रिफला गुग्गुल में हरड़, बहेड़ा और आंवला के बाद के साथ ही शुद्ध गुग्गुल का पाउडर होता हैं।
 
 

वात को कम करने के लिए क्या खाना चाहिए?

  • घी
  • तेल
  • फैट
  • गेंहू
  • तिल
  • दूध
  • मक्खन
  • पनीर
  • गाजर
  • चुकंदर
  • पालक
  • मूंग दाल
  • परवल आदी
 

वात दोष में क्या ना खाएं: Vata Dosha Me Kya Na Khaye

 

1. फल:

अधिक मात्रा में फल का सेवन खासकर सेब, नाशपाती, अनार और टरबूज।
 

2. सब्जीया:

सुखी सब्जीया, कच्ची सब्जीया, गोभी, फुल गोभी, कच्चा ब्याज, मटर, शिमला मिर्च, टमाटर, मिर्च और कच्चा स्प्राउट्स।
 

3. रोटी:

जै, मक्का, बाजरा, उडद, मसूर, सोयाबीन और राजमा इनका सेवन कम करना चाहिए।
 

4. डेयरी प्रॉडक्ट:

बकरी का दूध, पाउडर वाला दूध सभी प्रकार के कार्बोनेटेड ड्रिंक, नाशपाती का रस, अनार का रस चाय कॉफी आदी का सेवन नहीं करना चाहिए।
 

 

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आप इस विडियो को देखकर भी वात रोग की समस्या को कम कर सकते है, और यह वीडियो आपके बेहद काम आएगा।

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